पहलगाम आतंकी हमला , 28 पर्यटक मरे , अमित शाह जी ने श्रीनगर मे दी अंतिम विदाई:Pahalgam attack 2025

पहलगाम आतंकी हमला , 28 पर्यटक मरे , अमित शाह जी ने श्रीनगर मे दी अंतिम विदाई:Pahalgam attack 2025

22 अप्रैल, 2025 : जम्मू- कश्मीर के अनंतनाग जिले से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसे बैसरन घाटी मे घूमने आए पर्यटकों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया | ये हमला तब किया जब पर्यटक कश्मीर की वादियों के मजे ले रहे थे | बैसरन घाटी को  ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’  के नाम से जाना जाता है | लेकिन अब ये घाटी पर्यटकों के खून से सनी हुई है |

दोपहर 2:45 मिनट के आस पास लोग घास मे बैठ कर फोटो खिचने मे और खाने पीने मे मसगुल थे | तभी पुलिके की वर्दी पहने 5 से 6 आतंकवादियों ने अचानक गोलीबारी सुरू कर दी 

चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले लोगों का धर्म पूछा और फिर हिंदू होने पर उन्हें निशाना बनाया|करीब 40 मिनट तक चली इस फायरिंग में 300 से ज़्यादा राउंड गोलियां चलाई गईं|

घटनास्थल पर मौजूद एक पर्यटक ने बताया, “हम बस भेलपुरी खा रहे थे| अचानक गोलियों की आवाज़ सुनाई दी”। एक आतंकी ने मेरे पति से पूछा, ‘तुम मुसलमान हो?’ जवाब न मिलने पर उन्हें गोली मार दी। बैसरन घाटी, जहां वाहन नहीं पहुंच सकते, सुरक्षा बलों के पहुंचने में देरी हुई। घायलों को खच्चरों और हेलिकॉप्टर से निकाला गया|

पहलगाम आतंकी हमला , 28 पर्यटक मरे , अमित शाह जी ने श्रीनगर मे दी अंतिम विदाई:pahalgam attack 2025
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शहादत और शोक: जान गंवाने वालों की कहानियाँ

इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें दो विदेशी (नेपाल और UAE) और दो स्थानीय नागरिक शामिल थे। मृतकों में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और खुफिया ब्यूरो (IB) के अधिकारी मनीष रंजन भी थे। विनय ने 19 अप्रैल को ही शादी की थी और हनीमून पर पत्नी के साथ पहलगाम आए थे। उनकी पत्नी ने आँसुओं में डूबे हुए बताया, “वह मेरे सामने गिर गए मैं कुछ नहीं कर सकी”|

नेपाल के सुदीप के परिवार ने बताया कि आतंकियों ने उससे धर्म पूछा और फिर उसे गोली मार दी। घायलों में से 17 को श्रीनगर एम्स और अनंतनाग के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी हालत स्थिर बताई गई|

भारत का जवाब: सिंधु जल समझौता रद्द, पाकिस्तान को झटका

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हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब से तुरंत लौटकर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक बुलाई। इसमें पाकिस्तान के खिलाफ 5 बड़े फैसले लिए गए|

  1. सिंधु जल समझौता (1960) को निलंबित करना, जिससे पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब, झेलम) का पानी रोका जाएगा|
  2. SAARC वीजा व्यवस्था से पाकिस्तानी नागरिकों को बाहर करना और भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानियों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश|
  3. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति।
  4. भारत  के अटारी चेक पोस्ट  को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है |
  5. नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाईकमीशन में तैनात पाकिस्तानी डिफेंस एडवाइजर्स को भारत छोड़ने के निर्देश दे दिए गए हैं |
  6. आतंकी संगठनों के फंडिंग नेटवर्क पर प्रहार।
  7. सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी|

इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और NIA को जाँच का जिम्मा सौंपा|

 

हमले का समय: क्यों चुना गया यह मौका?

विश्लेषकों के अनुसार, यह हमला तीन रणनीतिक कारणों से किया गया |

  1. अंतरराष्ट्रीय दबाव: पीएम मोदी का सऊदी दौरा और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा के दौरान हमला करके पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को वैश्विक एजेंडा पर लाने की कोशिश की।
  2. पर्यटन सीजन और अमरनाथ यात्रा: बैसरन में पर्यटकों की भीड़ और आगामी अमरनाथ यात्रा से पहले डर का माहौल बनाना।
  3. वक्फ कानून विवाद: देश के कुछ हिस्सों में चल रहे वक्फ कानून के विरोध का फायदा उठाना |

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हालिया भड़काऊ बयानों को भी हमले की पृष्ठभूमि माना जा रहा है|

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