Paralympic Games 2024 :भारत का पेरिस अभियान का हुआ समापन , 7 स्वर्ण मेडल जीत कर तोड़ा टोक्यो का रिकार्ड 

Paralympic Games 2024 :

  9 सितंबर:   पेरिस मे चल रहे पैरालंपिक गेम्स मे भारत ने अपने पिछले टोक्यो ओलिम्पिक के 5 स्वर्ण का  रिकार्ड को तोड़ कर टोटल 29 मेडल जीत लिए है जिसमे 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक शामिल है और इसी के साथ भारत अपना पैरालंपिक गेम्स का अभियान समाप्त किया | 

 

नीचे जानिए की किस खिलाड़ी ने क्या पदक जीते ?

नवदीप सिंह ने पुरुषों की भाला फेंक (F41) में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 47.32 मीटर की दूरी पर भाला फेंक कर यह पदक जीता। यह नवदीप के लिए खास था क्योंकि उन्होंने टोक्यो खेलों में चौथे स्थान पर रहकर पदक से चूक गए थे।

सिमरन ने महिलाओं की 200 मीटर (T12) दौड़ में कांस्य पदक जीता। उन्होंने 24.75 सेकंड का समय निकालकर यह पदक जीता। सिमरन के लिए यह पदक खास था क्योंकि उन्होंने 100 मीटर दौड़ में चौथे स्थान पर रहकर पदक से चूक गई थीं।

अवनी लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने टोक्यो 2020 में भी स्वर्ण पदक जीता था और अब वह दो बार की पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता बन गई हैं।

भारत ने अन्य खेलों में भी शानदार प्रदर्शन किया। पैरा-कैनोइंग, पैरा-साइक्लिंग और ब्लाइंड जूडो में भारत ने पहली बार भाग लिया और पदक जीते।

पदक तालिका में स्थान

भारत ने कुल 29 पदक जीतकर पदक तालिका में 18वां स्थान प्राप्त किया। चीन ने 220 पदकों के साथ पदक तालिका में पहला स्थान प्राप्त किया।

Paralympic Games 2024 :भारत का पेरिस अभियान का हुआ समापन , 7 स्वर्ण मेडल जीत कर तोड़ा टोक्यो का रिकार्ड 
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भारत का प्रदर्शन

भारत ने इस बार पैरालंपिक खेलों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का प्रदर्शन किया। भारतीय खिलाड़ियों ने विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और देश का नाम रोशन किया। इस बार के खेलों में भारत ने कुल 29 पदक जीते, जो कि टोक्यो पैरालंपिक में जीते गए 19 पदकों से अधिक हैं |

स्वर्ण पदक विजेता

  1. अवनी लेखरा: अवनी ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने अपने टोक्यो 2020 के खिताब को सफलतापूर्वक बचाया और दो बार की पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता बनीं|
  2. नवदीप सिंह: नवदीप ने पुरुषों की जैवलिन थ्रो F41 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। उनका पदक पहले रजत था, लेकिन ईरान के खिलाड़ी के अयोग्य घोषित होने के बाद इसे स्वर्ण में बदल दिया गया|
  3. सुमित अंतिल: सुमित ने पुरुषों की जैवलिन थ्रो F64 में स्वर्ण पदक जीता|
  4. नितेश कुमार: नितेश ने पुरुषों की सिंगल्स SL3 बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता|
  5. हरविंदर सिंह: हरविंदर ने पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीता|
  6. धर्मबीर: धर्मबीर ने पुरुषों की क्लब थ्रो 51 में स्वर्ण पदक जीता|
  7. योगेश कथुनिया: योगेश ने पुरुषों की डिस्कस थ्रो F56 में स्वर्ण पदक जीता|
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रजत पदक विजेता

  1. मनीष नरवाल: मनीष ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में रजत पदक जीता|
  2. निशाद कुमार: निशाद ने पुरुषों की हाई जंप T47 में रजत पदक जीता|
  3. सहास यथिराज: सहास ने पुरुषों की सिंगल्स SL4 बैडमिंटन में रजत पदक जीता|
  4. अजीत सिंह: अजीत ने पुरुषों की जैवलिन थ्रो F46 में रजत पदक जीता|
  5. शरद कुमार: शरद ने पुरुषों की हाई जंप T63 में रजत पदक जीता|
  6. सचिन खिलारी: सचिन ने पुरुषों की शॉट पुट F46 में रजत पदक जीता|
  7. प्रणव सूरमा: प्रणव ने पुरुषों की क्लब थ्रो 51 में रजत पदक जीता|

कांस्य पदक विजेता

  1. मोना अग्रवाल: मोना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 में कांस्य पदक जीता|
  2. प्रीति पाल: प्रीति ने महिलाओं की 100 मीटर T35 और 200 मीटर T35 में कांस्य पदक जीता|
  3. रुबिना फ्रांसिस: रुबिना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में कांस्य पदक जीता|
  4. मनीषा रामदास: मनीषा ने महिलाओं की सिंगल्स SU5 बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता|
  5. दीप्ति जीवनजी: दीप्ति ने महिलाओं की 400 मीटर T20 में कांस्य पदक जीता|
  6. सुंदर सिंह गुर्जर: सुंदर ने पुरुषों की जैवलिन थ्रो F46 में कांस्य पदक जीता|
  7. मरीयप्पन थंगावेलु: मरीयप्पन ने पुरुषों की हाई जंप T63 में कांस्य पदक जीता|
  8. नवदीप सिंह: नवदीप ने पुरुषों की जैवलिन थ्रो F41 में कांस्य पदक जीता|
  9. राकेश कुमार और शीतल देवी: राकेश और शीतल ने मिक्स्ड टीम कंपाउंड ओपन तीरंदाजी में कांस्य पदक जीता|

खिलाड़ियों की मेहनत और संघर्ष

भारत के पैरालंपिक खेलों में इस शानदार प्रदर्शन ने देश को गर्वित किया है। भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और समर्पण से यह साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं। इस सफलता ने देश के युवाओं को प्रेरित किया है और उन्हें खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है।

भारतीय खिलाड़ियों ने कठिन परिश्रम और संघर्ष के बाद यह सफलता हासिल की। उन्होंने न केवल अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया बल्कि देश का नाम भी रोशन किया |

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